“मिसाइल मैन” के नाम से मशहूर Dr. APJ Abdul Kalam भारत के 11वें राष्ट्रपति थे और उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनके जन्मदिन को हर साल “विश्व छात्र दिवस” के रूप में मनाया जाता है। 2010 में संयुक्त राष्ट्र ने Dr. APJ Abdul Kalam के जन्मदिन को छात्रों के लिए समर्पित एक विशेष दिन घोषित किया। इसका उद्देश्य Dr. APJ Abdul Kalam के शिक्षा और छात्रों के प्रति समर्पण का सम्मान करना और उनकी विरासत को बढ़ावा देना था।
Dr. APJ Abdul Kalam का मानना था कि छात्र वह शक्ति हैं जो दुनिया में बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विशेषकर मिसाइल और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन उनका असली जुनून छात्रों को शिक्षित करना और प्रेरित करना था। उनके अनुसार, शिक्षा केवल किताब पढ़ने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों को समग्र विकास की ओर ले जाती है।
हर साल “विश्व छात्र दिवस” एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। 2024 का विषय “छात्रों के भविष्य के लिए समग्र शिक्षा” है, जो बताता है कि शिक्षा केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि छात्रों के नैतिक, सामाजिक और मानसिक विकास पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में Dr. APJ Abdul Kalam की शिक्षाओं से संबंधित व्याख्यान, सेमिनार, कार्यशालाएं और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
Dr. APJ Abdul Kalam ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा छात्रों को प्रेरित करने और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को हमेशा बड़े सपने देखने, कड़ी मेहनत करने और असफलताओं से न डरने की सीख दी। उनके मुताबिक, हर बड़ी उपलब्धि एक विजन से शुरू होती है और छात्रों को उसी विजन के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
Dr. APJ Abdul Kalam का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था. वे एक साधारण परिवार से थे, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें देश का सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और नेता बना दिया। उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें कई सम्मान मिले, जिनमें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न जैसे सम्मान शामिल हैं।
Dr. APJ Abdul Kalam का जीवन छात्रों के लिए प्रेरणा है और “विश्व छात्र दिवस” उनके विचारों को समझने और छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका का जश्न मनाने का दिन है।
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