Pm Modi ने दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि आज भी देश और दुनिया उनकी कमी को गहराई से महसूस कर रही है। रतन टाटा के निधन को लगभग एक महीना बीत चुका है, और इस दौरान प्रधानमंत्री ने उनके योगदान और व्यक्तित्व की सराहना करते हुए एक लेख लिखा। उन्होंने कहा कि टाटा एक महान सपूत और अमूल्य रत्न थे, जिन्हें भारत ने खो दिया है। चाहे शहर हों, कस्बे हों या गांव, हर जगह लोग उनकी अनुपस्थिति का अहसास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने लिखा कि रतन टाटा देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत थे। उन्होंने सिखाया कि सफल होने के लिए विनम्रता और दूसरों की मदद भी आवश्यक है। उनकी सोच और नेतृत्व ने टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बना दिया। टाटा ग्रुप की सफलता के बावजूद, वे हमेशा सहज और विनम्र रहे।
रतन टाटा का प्रभाव सिर्फ व्यावसायिक दुनिया तक सीमित नहीं था। वे पर्यावरण और समाज सेवा के लिए भी समर्पित थे। जानवरों के प्रति उनके प्रेम और करुणा जगजाहिर थी। Pm Modi ने उनके समाज कल्याण के कार्यों की भी सराहना की, जिनमें स्वास्थ्य सेवा, विशेषकर कैंसर के प्रति उनकी संवेदनशीलता उल्लेखनीय है। असम में उनके साथ कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन करते समय उन्होंने अपने जीवन के अंतिम वर्षों को स्वास्थ्य सेवा के लिए समर्पित करने की इच्छा जताई थी।
Pm Modi ने रतन टाटा के साथ बिताए कुछ खास लम्हों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि टाटा के साथ गुजरात में काम करना एक अनमोल अनुभव था, और केंद्र में आने के बाद भी वे राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में प्रधानमंत्री के प्रतिबद्ध साथी बने रहे। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर टाटा का उत्साह प्रधानमंत्री के दिल को छू गया था, और अक्टूबर की शुरुआत में मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति में से एक था।
प्रधानमंत्री ने लिखा कि रतन टाटा की सोच ने भारतीय उद्यमिता को नया रूप दिया। उन्होंने नए उद्यमियों और स्टार्टअप्स को हौसला दिया और उन्हें सीमाओं से परे जाने के लिए प्रेरित किया। Pm Modi ने कहा कि भारत के विकास में रतन टाटा का योगदान आने वाले दशकों तक प्रेरणास्रोत बना रहेगा, और उनकी कमी को देश और दुनिया हमेशा महसूस करेगी।
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