Dev Diwali का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, जिसे कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसे देवताओं की दीपावली भी कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि इस दिन देवताओं ने राक्षस त्रिपुरासुर का संहार कर स्वर्ग की रक्षा की थी। इसी उपलक्ष्य में भगवान शिव, भगवान विष्णु और तुलसी माता की विशेष पूजा की जाती है। इस साल देव दिवाली 15 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
आज Dev Diwali का शुभ मुहूर्त शाम 5:10 बजे से शुरू होकर शाम 7:47 बजे तक है, जिसे प्रदोष काल कहा जाता है। इस दौरान भगवान की विशेष पूजा और दीपदान करने का महत्व है। मान्यता है कि इस समय किए गए पूजा-पाठ से भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
देव दिवाली पर विशेष उपाय
इस पावन अवसर पर कुछ विशेष उपाय करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं:
मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल को अर्पित करें : इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, वहीं चावल का दान करने से चंद्र ग्रह का सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है।
शिवलिंग पर दूध, शहद और गंगाजल चढ़ाएं : संध्या समय में शिवलिंग पर ये अर्पण करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का तोरण बांधें और मिश्री व गंगाजल से बनी खीर का मां लक्ष्मी को भोग लगाएं।
Dev Diwali का पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवता और ऋषि-मुनि राक्षस त्रिपुरासुर के आतंक से परेशान थे। सभी देवताओं ने भगवान शिव से सहायता मांगी, और शिव जी ने त्रिपुरासुर का वध कर दिया। इस विजय के उपलक्ष्य में देवता काशी में आए और दीप जलाकर हर्षोल्लास मनाया। इस दिन को देव दिवाली के रूप में मनाया जाता है।
कहा जाता है कि Dev Diwali के दिन सभी देवी-देवता पृथ्वी पर आकर गंगा घाट पर दीयों से जगमग करते हैं। वाराणसी में हर साल इस अवसर पर लाखों दीयों से गंगा घाट को सजाया जाता है, और यह नजारा अद्भुत होता है। इस वर्ष वाराणसी में करीब 21 लाख दीयों से घाटों को सजाने की योजना बनाई गई है।
अन्य पौराणिक मान्यताएं
इस दिन कई धार्मिक घटनाएं जुड़ी हुई हैं। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। इसी दिन भगवान कृष्ण को आत्म बोध प्राप्त हुआ, और तुलसी माता का पृथ्वी पर प्राकट्य हुआ। तुलसी माता की पूजा और उनके सामने दीपदान करने की परंपरा भी इस दिन से जुड़ी हुई है।
इस प्रकार, देव दिवाली का पर्व धर्म, आस्था और परंपराओं से गहरा जुड़ा है। इस दिन किए गए पूजन और उपाय से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है, और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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