Devendra Fadnavis का जीवन सियासत के उतार-चढ़ाव, संघर्ष, और अडिग आत्मविश्वास का प्रेरणादायक उदाहरण है। नागपुर के एक राजनीतिक परिवार में जन्मे Devendra Fadnavis के पिता गंगाधरराव Devendra Fadnavis महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य थे। पिता के निधन के बाद, देवेंद्र ने राजनीति में कदम रखा और अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
1992 में मात्र 22 साल की उम्र में Devendra Fadnavis ने नगर निगम चुनाव जीता और नागपुर के सबसे युवा पार्षद बने। इसके बाद 1997 में उन्हें नागपुर का सबसे युवा मेयर बनने का गौरव प्राप्त हुआ। इस दौरान उन्होंने न केवल अपनी पहचान बनाई बल्कि बीजेपी के युवा नेतृत्व का भी प्रतिनिधित्व किया।
मुख्यमंत्री बनने तक का सफर
Devendra Fadnavis का राजनीतिक सफर स्थानीय स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक विस्तृत है। 2010 में उन्हें भाजपा की महाराष्ट्र इकाई का महासचिव बनाया गया। 2013 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने और 2014 में मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। उनके नेतृत्व में महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार ने पांच साल पूरे किए।
हालांकि, 2019 का चुनाव उनके लिए कठिन साबित हुआ। एनसीपी के अजित पवार के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की कोशिश असफल रही, और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस घटना के दौरान उन्होंने विधानसभा में कहा, “मैं समंदर हूं, लौटकर आऊंगा।” यह बयान उनके आत्मविश्वास और संघर्षशीलता का प्रतीक बन गया।
डिप्टी सीएम की भूमिका
2022 में, देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उन्होंने समर्पण और निष्ठा के साथ काम किया। एक पूर्व मुख्यमंत्री के लिए डिप्टी सीएम बनना आसान नहीं था, लेकिन Devendra Fadnavis ने इसे चुनौती के रूप में लिया और अपने कर्तव्यों को निभाया।
Devendra Fadnavis की सबसे बड़ी खासियत है उनकी जमीनी समझ और कार्यकर्ताओं के साथ गहरा जुड़ाव। नागपुर में रहते हुए वह एक दिन में 50 से अधिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं और हर कार्यकर्ता को नाम से जानते हैं। यह उनका विनम्र और समर्पित स्वभाव है जो उन्हें कार्यकर्ताओं और जनता के बीच लोकप्रिय बनाता है।
शख्सियत और जीवन शैली
22 जुलाई 1970 को जन्मे Devendra Fadnavis ने कानून में स्नातक किया और जर्मनी से बिजनेस मैनेजमेंट और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में डिप्लोमा हासिल किया। उनकी पत्नी अमृता Devendra Fadnavis एक बैंकिंग प्रोफेशनल और गायिका हैं। दोनों की एक बेटी है।
2024 में, Devendra Fadnavis ने फिर से अपने नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन किया और बीजेपी को महाराष्ट्र में मजबूती दिलाई। यह सफर संघर्ष और अडिग विश्वास से भरा रहा है। उनकी कहानी यह दिखाती है कि असफलताओं के बावजूद, दृढ़ता और आत्मविश्वास से कोई भी वापसी कर सकता है।
Devendra Fadnavis की सियासत का यह नया अध्याय उनके वादे को सिद्ध करता है कि “मैं समंदर हूं, लौटकर आऊंगा।”
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