Dr. Manmohan Singh: कांग्रेस ने 2009 का लोकसभा चुनाव Manmohan Singh के नेतृत्व में लड़ा था। लेकिन, उन्होंने खुद चुनाव नहीं लड़ा था। राज्यसभा के सदस्य रहते हुए प्रधानमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
पूर्व प्रधानमंत्री Manmohan Singh: 2004 में भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री बने मनमोहन सिंह को भारत में बड़े आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है। उन्होंने 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री का पद संभाला। Dr. Manmohan Singh न सिर्फ देश के प्रधानमंत्री रहे हैं, बल्कि कई अहम पदों पर भी रहे हैं। हालांकि Manmohan Singh शांत स्वभाव के हैं और कम बोलते हैं। आज भी लोग उस घटना को याद करते हैं, जब संसद में उनके और बीजेपी की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज के बीच शायरी हुई थी।
दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को शायरी के जरिए जवाब दिया था। संसद में चर्चा के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए मिर्जा गालिब का मशहूर शेर पढ़ा, ‘हमको उनसे वफा की है उम्मीद, जो नहीं जानते वफा क्या है’. हालांकि इसके जवाब में सुषमा स्वराज ने भी उन्हें शायरी के जरिए जवाब दिया. पूर्व पीएम राजीव गांधी की सरकार में उन्होंने 1985 से 1987 तक भारतीय योजना आयोग के प्रमुख का पद भी संभाला. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम किया.
इसके अलावा वे 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर भी रहे. इस दौरान उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधार किए. जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है. 1987 से 1990 तक Dr. Manmohan Singh ने संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण आयोग के महासचिव का पद संभाला. Manmohan Singh 1991 में असम से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। वे 1995, 2001, 2007 और 2013 में फिर से उच्च सदन के सदस्य रहे।
1998 से 2004 तक, जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार केंद्र में सत्ता में थी, तब मनमोहन सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे।
1999 में उन्होंने दक्षिण दिल्ली से चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं सके। दिलचस्प बात यह है कि 2009 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लड़ा था। लेकिन, उन्होंने खुद चुनाव नहीं लड़ा। राज्यसभा सदस्य रहते हुए प्रधानमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
Dr. Manmohan Singh ने देश में आर्थिक सुधारों में अहम भूमिका निभाई। वे 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री भी रहे। उन्होंने बजट के दौरान उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से जुड़ी कई घोषणाएं कीं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली।
Manmohan Singh को 1987 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें 1995 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार, वर्ष 1993 में सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी पुरस्कार, वर्ष 1956 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एडम स्मिथ पुरस्कार जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ ही उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय समेत कई विश्वविद्यालयों ने मानद उपाधियां भी दी थीं।
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Manmohan Singh का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय और ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. भी किया।
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