Manipur में जारी हिंसा और प्रशासनिक विफलता के बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। NPP प्रमुख कोनराड संगमा ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे एक पत्र में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व को पूरी तरह असफल बताते हुए यह निर्णय लिया। उन्होंने राज्य में बिगड़ते हालात और लोगों की परेशानियों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है।
Manipur : NPP का आरोप
पत्र में NPP ने कहा कि मणिपुर सरकार राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। पार्टी ने कहा, “राज्य में हिंसा और कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति के कारण निर्दोष लोगों की जान जा रही है, और आम जनता बड़ी पीड़ा झेल रही है।” पार्टी ने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार हालात को नियंत्रित करने और स्थिरता लाने में असमर्थ है।
Manipur में हिंसा और NPP का निर्णय
पिछले शनिवार को Manipur में हिंसा फिर से भड़क उठी। गुस्साई भीड़ ने कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की। भीड़ मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के आवास की ओर बढ़ रही थी, लेकिन पुलिस ने बल का प्रयोग कर उन्हें रोक दिया। इसके बाद, रविवार को पुलिस ने इस मामले में 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया और इंफाल में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया।
Manipur : अमित शाह की सक्रियता
इस गंभीर स्थिति के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। वह महाराष्ट्र में अपने राजनीतिक कार्यक्रम रद्द कर सीधे दिल्ली पहुंचे। गृह मंत्री सोमवार को एक और बड़ी बैठक करेंगे ताकि मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
कांग्रेस का बीजेपी पर हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “डबल इंजन सरकार के तहत मणिपुर न तो एकजुट है और न ही सुरक्षित। मई 2023 से मणिपुर में बंटवारे और हिंसा का दौर चल रहा है, जिससे वहां के लोगों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।” खड़गे ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी अपनी “बांटों और राज करो” की नीति के तहत मणिपुर में अशांति को बढ़ावा दे रही है।
Manipur : भविष्य की स्थिति
NPP के समर्थन वापस लेने के बाद मणिपुर सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और बीजेपी इस राजनीतिक और प्रशासनिक चुनौती से कैसे निपटते हैं।
मणिपुर की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, और राज्य में शांति बहाल करना वर्तमान सरकार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। वहीं, NPP का यह निर्णय राज्य में बीजेपी के भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े कर रहा है।
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