छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार Mukesh Chandrakar की हत्या के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को विशेष जांच दल (SIT) ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया। हत्या के बाद से फरार सुरेश चंद्राकर को रविवार रात पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार, 1 जनवरी को लापता हुए Mukesh Chandrakar का शव 3 जनवरी को सुरेश चंद्राकर की संपत्ति पर बने सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ था।
रजिस्ट्रेशन रद्द और भाई गिरफ्तार
सुरेश चंद्राकर छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग (PWD) में ‘ए’ श्रेणी का ठेकेदार था। हत्या में उसकी संलिप्तता सामने आने के बाद पीडब्ल्यूडी बस्तर सर्कल, जगदलपुर के मुख्य अभियंता ने उसका रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश की। सिफारिश के आधार पर विभाग ने सोमवार को रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। सुरेश के दो भाई, रितेश और दिनेश चंद्राकर, और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
भ्रष्टाचार उजागर करने की वजह से हत्या का शक
Mukesh Chandrakar एक स्वतंत्र पत्रकार थे और ‘बस्तर जंक्शन’ नामक यूट्यूब चैनल चलाते थे, जिसमें 1.59 लाख सब्सक्राइबर हैं। उन्होंने बीजापुर में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार को उजागर किया था, जिसके बाद उनकी हत्या होने का संदेह है। यह खबर 25 दिसंबर को उनके चैनल पर प्रसारित हुई थी। निर्माण कार्य सुरेश चंद्राकर के अधीन था।
मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुरेश चंद्राकर की अवैध संपत्तियों और अतिक्रमणों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। बीजापुरगंगालूर रोड के किनारे कब्जाई गई वन भूमि पर बने निर्माण यार्ड को ध्वस्त कर दिया गया है।
Mukesh Chandrakar ने 2021 में टकलगुडा नक्सली हमले के बाद माओवादियों की कैद से कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को रिहा कराने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
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