इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को कांग्रेस नेता Rahul Gandhi की नागरिकता से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि वह इस मामले में विचार कर रही है कि Rahul Gandhi की भारतीय नागरिकता रद्द की जाए या नहीं। केंद्र ने कोर्ट से 19 दिसंबर तक का समय मांगा है, जिस दिन वह अपना फैसला बताएगा।
क्या है मामला ?
कर्नाटक के रहने वाले एस विग्नेश शिशिर ने कांग्रेस नेता Rahul Gandhi की कथित ब्रिटिश नागरिकता के आधार पर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने की याचिका दायर की है। शिशिर का दावा है कि Rahul Gandhi के पास यूनाइटेड किंगडम (यूके) की नागरिकता है। उन्होंने अपनी याचिका में इस मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की है।
कोर्ट में क्या कहा गया ?
केंद्र सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडे ने कोर्ट को बताया कि गृह मंत्रालय को Rahul Gandhi की कथित ब्रिटिश नागरिकता के आधार पर मिली शिकायतों पर विचार किया जा रहा है। मंत्रालय इस पर फैसला करने की प्रक्रिया में है और 19 दिसंबर तक कोर्ट को जानकारी दे देगा।
इससे पहले जुलाई 2024 में इसी मामले पर शिशिर की याचिका को कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह नागरिकता कानून के तहत सक्षम प्राधिकारी के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिशिर का कहना है कि उन्होंने दो बार गृह मंत्रालय को शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने फिर से हाईकोर्ट का रुख किया।
क्या है याचिका में दावा ?
याचिका में कहा गया है कि Rahul Gandhi ने कुछ दस्तावेजों में ब्रिटिश नागरिक होने का उल्लेख किया है। इस आधार पर उनकी भारतीय नागरिकता को रद्द करने की मांग की गई है।
क्या हो सकता है आगे ?
अगर केंद्र सरकार Rahul Gandhi की नागरिकता रद्द करने का फैसला करती है, तो यह भारतीय राजनीति में एक बड़ी घटना होगी। हालांकि, इस मामले में पुख्ता सबूत और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है। 19 दिसंबर को केंद्र का रुख साफ होने के बाद ही इस पर कोई ठोस निष्कर्ष निकल सकेगा।
Rahul Gandhi की नागरिकता का यह मामला एक गंभीर राजनीतिक और कानूनी मुद्दा बन चुका है। आने वाले दिनों में इस पर केंद्र सरकार का निर्णय और हाईकोर्ट की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।
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