Sambhal violence : उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस बरामद किए हैं। इनमें पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के 9 एमएम के दो मिस फायर खोखे और 12 बोर व 32 बोर के कारतूस शामिल हैं। इस खुलासे ने हिंसा में विदेशी कनेक्शन का संकेत दिया है। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि हिंसा में मारे गए लोगों की मौत देशी 315 बोर के हथियारों से हुई थी। लेकिन विदेशी हथियारों की मौजूदगी ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
Sambhal violence : बीजेपी का विपक्ष पर तीखा हमला
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने इस खुलासे को गंभीर बताते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों ने भारत में गृहयुद्ध छेड़ने का साजो-सामान तैयार कर रखा है। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।” त्रिपाठी ने विपक्ष के नेताओं पर आरोप लगाया कि वे ऐसे तत्वों का समर्थन कर रहे हैं, जो पाकिस्तान में बने असलहों से भारत की पुलिस और नागरिकों पर हमला करने से भी नहीं हिचकते। उन्होंने आतंक विरोधी कानूनों के तहत कठोर कार्रवाई की मांग की।
यह हिंसा 24 नवंबर को उस समय भड़की थी, जब जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था। सर्वे के दौरान अचानक भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया, जो देखते ही देखते आगजनी और तोड़फोड़ में बदल गया। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई। घटना के बाद पुलिस ने करीब 2,750 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें से अधिकांश अज्ञात हैं। इस मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक के बेटे को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
Sambhal violence : फोरेंसिक जांच का खुलासा
फोरेंसिक जांच में विदेशी हथियारों और कारतूसों की उपस्थिति सामने आते ही जांच को नया मोड़ मिल गया है। पुलिस और जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि ये हथियार कहां से आए और इन्हें किन लोगों ने इस्तेमाल किया। इस खुलासे के बाद राज्य और केंद्र सरकार के सुरक्षा विभाग भी सतर्क हो गए हैं।
Sambhal violence : राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल
बीजेपी ने इस घटना को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। राकेश त्रिपाठी ने कहा, “विदेशी हथियारों का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि देश विरोधी ताकतें हमारे आंतरिक सुरक्षा तंत्र को चुनौती दे रही हैं। ऐसे लोगों के प्रति उदारता दिखाना घातक साबित हो सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग इस हिंसा में शामिल हैं, वे देशद्रोही हैं और उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए।
Sambhal violence : राजनीतिक माहौल गरमाया
इस खुलासे के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। बीजेपी ने इसे विपक्ष की नीतियों से जोड़ते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, विपक्ष ने इसे सरकारी एजेंसियों द्वारा विपक्ष को बदनाम करने की साजिश करार दिया है। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, जबकि आम जनता इस हिंसा और उसके पीछे के कारणों को लेकर चिंतित है।
Sambhal violence : जांच में जुटी एजेंसियां
पुलिस और जांच एजेंसियां अब विदेशी हथियारों की सप्लाई चेन और उनके उपयोगकर्ताओं का पता लगाने में जुटी हैं। यह खुलासा न केवल संभल हिंसा को एक नया आयाम देता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करता है।
संभल हिंसा में विदेशी हथियारों की उपस्थिति ने जांच को गंभीर बना दिया है। यह मामला अब न केवल स्थानीय कानून-व्यवस्था का मुद्दा है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ गया है। सरकार और जांच एजेंसियों पर इन विदेशी हथियारों की पूरी सच्चाई उजागर करने का दबाव है। वहीं, राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी से यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है। कठोर और निष्पक्ष जांच के साथ कड़ी कार्रवाई ही इस समस्या का समाधान हो सकती है।