Sambhal Violence : उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को भयानक हिंसा हुई। इस बवाल ने लखनऊ तक प्रशासन को हिला दिया। उपद्रवियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया और सड़क किनारे खड़े वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हिंसा के चलते पूरे शहर में तनाव व्याप्त है, और प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं के साथ स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए हैं।
Sambhal Violence : कैसे हुआ बवाल?
रविवार को शाही जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे किया जा रहा था। इसी दौरान वहां उपद्रवियों की भीड़ इकट्ठा हो गई। नारेबाजी शुरू हुई और देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। उनके हाथों में ईंट-पत्थर थे, और उन्होंने अपने चेहरों को ढक रखा था।
करीब डेढ़ घंटे तक पत्थरबाजी चलती रही, जिससे गलियां पूरी तरह ईंट-पत्थरों और चप्पलों से पट गईं। सड़क किनारे खड़े वाहन जला दिए गए। नगर पालिका को मलबा हटाने के लिए ट्रैक्टर और जेसीबी की मदद लेनी पड़ी।
Sambhal Violence : पुलिस की कार्रवाई और हिंसा में हताहत
पथराव और आगजनी रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई, जिनमें से दो की मौत देसी पिस्तौल से गोली लगने से हुई। पुलिस के मुताबिक, हिंसा में 15-20 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। एक सर्कल अधिकारी को छर्रे लगे, जबकि एक कांस्टेबल के सिर में गंभीर चोट आई।
Sambhal Violence : अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल
हिंसा के बाद पूरे शहर में जबरदस्त सख्ती कर दी गई। पुलिस, पीएसी, आरएएफ और आरआरएफ की टीमें शहर में तैनात हैं। जगह-जगह फ्लैग मार्च किया गया। प्रशासन ने 30 नवंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। बिना अनुमति किसी को जिले में आने की इजाजत नहीं है।
Sambhal Violence : मस्जिद सर्वे का विवाद
संभल की शाही जामा मस्जिद पर सर्वे को लेकर पहले से ही तनाव था। हिंदू पक्ष का दावा है कि इस मस्जिद की जगह पहले एक मंदिर था, जिसे 1529 में ध्वस्त कर दिया गया था। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इसे “प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991” का उल्लंघन बताते हुए सर्वे पर सवाल उठाए।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने हिंसा की निंदा करते हुए पुलिस की कार्रवाई को भेदभावपूर्ण बताया। दूसरी ओर, हिंदू पक्ष के वकीलों ने कहा कि यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर हो रहा है।
Sambhal Violence : फिलहाल के हालात
हिंसा के बाद पुलिस ने 21 लोगों को हिरासत में लिया है। जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को 24 घंटे के लिए बंद कर दिया और सोमवार को सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया। प्रशासन का कहना है कि घटना में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे।
संभल की हिंसा ने एक बार फिर धार्मिक विवादों को गहरा दिया है। प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन स्थानीय तनाव अब भी बरकरार है। ऐसे में सभी पक्षों को शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करना चाहिए।
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