महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महाविकास अघाड़ी की हार के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय Sanjay Raut ने हार के लिए अप्रत्याशित रूप से भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि न्यायपालिका के फैसलों का चुनावी नतीजों पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
संजय Sanjay Raut के आरोप
संजय Sanjay Raut ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति में जिस तरह से घटनाएं हुईं, उनका न्यायपालिका पर सवाल उठाना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, “पूर्व CJI चंद्रचूड़ के फैसले ने लोकतंत्र को कमजोर किया। सुप्रीम कोर्ट ने महाविकास अघाड़ी सरकार को गिराने की साजिश को रोकने का मौका गंवाया। अगर न्यायपालिका ने सही समय पर हस्तक्षेप किया होता, तो आज का नतीजा अलग हो सकता था।”
उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट के फैसले से महाराष्ट्र के मतदाताओं के मन में भ्रम पैदा हुआ, जिससे भाजपा और उसके सहयोगी दलों को फायदा हुआ। Sanjay Raut ने यह बयान शिवसेना की हार और महाविकास अघाड़ी गठबंधन की विफलता के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिया।
न्यायपालिका पर उठे सवाल
संजय Sanjay Raut ने दावा किया कि न्यायपालिका को स्वतंत्र और निष्पक्ष रहना चाहिए, लेकिन कुछ फैसले सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में झुके हुए दिखाई दिए। उन्होंने कहा, “जब देश की सर्वोच्च अदालतें भी राजनीति से प्रभावित हों, तो आम जनता और विपक्षी दलों के लिए निष्पक्षता की उम्मीद करना मुश्किल हो जाता है।”
राजनीतिक विश्लेषण
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने महाविकास अघाड़ी के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), और शिवसेना (यूबीटी) के गठबंधन वाली इस सरकार को भाजपा और शिंदे गुट की ओर से कड़ी टक्कर मिली। चुनाव के नतीजों में महाविकास अघाड़ी को करारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि भाजपा और शिंदे गुट को बहुमत मिला।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शिवसेना (यूबीटी) को अपनी रणनीति और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है। वहीं, Sanjay Raut के बयान को राजनीतिक हताशा के रूप में भी देखा जा रहा है।
विपक्ष की प्रतिक्रियाएं
संजय Sanjay Raut के आरोपों पर भाजपा और शिंदे गुट ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि Sanjay Raut अपनी हार छिपाने के लिए न्यायपालिका पर आरोप लगा रहे हैं। शिंदे गुट ने इसे महाविकास अघाड़ी की असफलता का प्रमाण बताया।
न्यायपालिका की भूमिका पर चर्चा
Sanjay Raut के बयान के बाद न्यायपालिका की भूमिका पर फिर से बहस छिड़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी राजनीति और न्यायपालिका को अलग रखना चाहिए। किसी भी फैसले को चुनावी हार-जीत से जोड़ना न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर सकता है।
संजय Sanjay Raut का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में नए विवाद को जन्म दे सकता है। चुनावी हार के लिए न्यायपालिका को जिम्मेदार ठहराना एक बड़ा आरोप है, जो न्यायपालिका की भूमिका और उसकी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हालांकि, इस बयान के पीछे शिवसेना की राजनीतिक रणनीति या हताशा भी हो सकती है। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर विपक्ष और न्यायपालिका की क्या प्रतिक्रिया होती है।
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