Sharad Purnima, जिसे अश्विन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है और 16 और 17 अक्टूबर 2024 को मनाया जा रहा है। इस दिन चंद्रमा की विशेष पूजा की जाती है और खीर खाने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा से अमृत बरसता है, जिससे जीवन में आरोग्य और समृद्धि आती है। इस दिन का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण चमक में होता है और उसकी किरणें औषधीय गुणों से भरपूर मानी जाती हैं।
Sharad Purnima मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर अगले दिन प्रसाद के रूप में खाई जाती है। इसे अमृत माना जाता है और इसे खाने से तन और मन दोनों शुद्ध होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस खीर को खाने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
चंद्रमा की पूजा Sharad Purnima का प्रमुख अंग है। रात के समय श्रद्धालु खुले आसमान के नीचे बैठकर चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं। पूजा में दूध, चीनी और खीर का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा विशेष रूप से शक्तिशाली होता है और उसकी कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस दिन खीर खाने की भी परंपरा का विशेष महत्व है। Sharad Purnima की रात को खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है, जिसे ‘अमृत खीर’ कहा जाता है। इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है क्योंकि दूध, चीनी और चावल मिलकर एक पौष्टिक भोजन बनाते हैं। इसके धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक आधार भी जुड़ा है, जिसके कारण यह त्योहार जीवन में संतुलन और शांति लाने का प्रतीक बन जाता है।
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