Supreme Court

दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए Supreme Court ने सोमवार को बड़ा निर्देश दिया। कोर्ट ने एनसीआर क्षेत्र के सभी राज्यों से कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए भौतिक कक्षाएं तुरंत बंद करने का निर्णय लेने को कहा है। यह कदम बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, क्योंकि वायु प्रदूषण का सीधा प्रभाव बच्चों के फेफड़ों और स्वास्थ्य पर पड़ता है।

Supreme Court के न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस मुद्दे पर याचिका की सुनवाई की। पीठ ने दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण नियंत्रित करने में देरी के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने साफ कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए किसी भी निर्णय को अधिकारियों के विवेक पर नहीं छोड़ा जा सकता।

यूपी सरकार ने लागू किए प्रतिबंध

यूपी सरकार ने Supreme Court को सूचित किया कि ग्रेप-4 (GRAP-4) लागू कर दिया गया है। इसके तहत एनसीआर के अंतर्गत आने वाले जिलों के सभी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया जाएगा। वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से गोपाल शंकर नारायणन ने कहा कि दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों को भी स्कूल आने से रोका जाना चाहिए, क्योंकि प्रदूषण का असर उन पर भी उतना ही होता है जितना छोटे बच्चों पर।

बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता

Supreme Court ने कहा कि वायु प्रदूषण से बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। कोर्ट ने CAQM से आग्रह किया कि वह ग्रेप-3 और ग्रेप-4 के तहत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राज्यों से कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल बंद करने के आदेश में कोई देरी न की जाए।

अगली सुनवाई शुक्रवार को

इस मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को समय पर लागू नहीं किया गया, तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि बच्चों की शिक्षा ऑनलाइन माध्यम से जारी रखी जा सकती है।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। स्मॉग और जहरीली हवा की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार “खराब” और “बहुत खराब” श्रेणी में बना हुआ है। ऐसे में स्कूलों को बंद करने का निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक जरूरी कदम माना जा रहा है।

Supreme Court : सुझाव और दिशा-निर्देश

Supreme Court ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से कहा है कि वह प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सभी संभव कदम उठाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्यों को आपसी समन्वय से काम करना चाहिए।

यह आदेश बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से दिया गया है। आने वाले दिनों में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए और भी सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है।

यह भी पढ़े : IND vs AUS 1st Test : पर्थ टेस्ट से पहले टीम इंडिया को झटका, रोहित शर्मा बाहर, जसप्रीत बुमराह करेंगे कप्तानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *