Arvind Kejriwal

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी पर सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को यह साबित करना चाहिए कि वह अब “पिंजरे में बंद तोता” नहीं है।

जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने Arvind Kejriwal को जमानत देते हुए कहा कि सीबीआई को अपनी स्वतंत्रता साबित करनी होगी और इस धारणा को समाप्त करना होगा कि वह सरकार के प्रभाव में काम कर रही है।

गौरतलब है कि  Kejriwal पिछले 11 मार्च से जेल में बंद थे। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआई ने 22 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन अचानक उनकी गिरफ्तारी करने की जल्दबाजी दिखाई, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में उन्हें जमानत मिल रही थी।

न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा कि  Kejriwal को हिरासत में रखना न्याय का मजाक होगा, खासकर जब उन्हें ईडी के मामले में जमानत दी जा चुकी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीआई Arvind Kejriwal के कथित टालमटोल वाले जवाबों को आधार बनाकर उनकी गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती।

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि असहयोग का मतलब आत्म-दोषी होना नहीं होता। कोर्ट ने सीबीआई की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका उद्देश्य शायद ईडी के मामले में Arvind Kejriwal को जमानत मिलने में बाधा डालना था।

जमानत के साथ अदालत ने Arvind Kejriwal को निर्देश दिया कि वे मामले से जुड़े किसी भी विषय पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी न करें। साथ ही, उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश करने और आधिकारिक फाइलों पर हस्ताक्षर करने से भी रोका गया है।

यह भी पढ़े : Samsung Galaxy M05: सैमसंग ने लॉन्च किया दमदार फीचर्स के साथ किफायती स्मार्टफोन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *