Tibet Earthquake : तिब्बत में आए शक्तिशाली भूकंप ने 32 लोगों की जान ले ली है और कई इमारतों को ध्वस्त कर दिया है। इस भूकंप का असर भारत, नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के कुछ इलाकों में भी महसूस किया गया। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि कई गांवों का संपर्क टूट गया है और राहत-बचाव कार्य जारी है। तिब्बत के दूरस्थ क्षेत्रों में भूकंप के कारण पुल, सड़कें और कई बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।
Tibet Earthquake : नेपाल से भारत तक हिली धरती
भूकंप का प्रभाव नेपाल, बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल तक महसूस किया गया। नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। बिहार के कई हिस्सों में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। सिक्किम और दार्जिलिंग में भी हल्के झटके दर्ज किए गए। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहने की अपील की है।
Tibet Earthquake : राहत और बचाव कार्य
तिब्बत में बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। चीन की सरकार ने भूकंप प्रभावित इलाकों में सेना और राहतकर्मियों को भेजा है। आपदा प्रबंधन टीमों ने मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही पीड़ितों को अस्थायी शिविरों में रखा जा रहा है, जहां उन्हें भोजन और दवाइयों की व्यवस्था की गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी स्थिति पर नजर रखते हुए कहा है कि जरूरत पड़ी तो हर संभव मदद दी जाएगी।
Tibet Earthquake : इस भूकंप ने एक बार फिर से प्राकृतिक आपदाओं के प्रति तैयारियों की कमी को उजागर किया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि हिमालयी क्षेत्र में इस तरह के भूकंप भविष्य में भी आ सकते हैं, इसलिए सतर्कता और बचाव के पुख्ता इंतजाम जरूरी हैं।
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