Lucknow में एक कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट में 150 वर्ष पुराना शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। यह मंदिर 1885 में स्वर्गीय गजराज सिंह ने अपनी कमाई से बनवाया था। बाद में 1906 में इसे ठाकुरद्वारा और शिवालय के रूप में स्थापित किया गया। पूजा-पाठ की जिम्मेदारी द्वारका प्रसाद दीक्षित और उनके परिवार को दी गई। परंतु 1993-94 में एक स्थानीय नेता ने मंदिर पर कब्जा कर वहां अवैध निर्माण कर दिया, जिसमें शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी शामिल है।
Lucknow : प्रशासनिक लापरवाही और विवाद
मंदिर से जुड़े लोगों ने तत्कालीन प्रशासन और सरकार को बार-बार शिकायतें कीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 1993 में नगर मजिस्ट्रेट ने निर्माण रोकने का आदेश दिया था, पर इसे अनदेखा कर दिया गया। मंदिर परिसर का बरगद का पेड़, जो करीब 250 साल पुराना था, उसे भी काट दिया गया। 1994 में एफआईआर दर्ज कर चोरी और तोड़फोड़ की शिकायत की गई, लेकिन पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया।
Lucknow : वर्तमान स्थिति और मंदिर पुनर्स्थापना की मांग
अब मंदिर की लड़ाई यज्ञ मनी दीक्षित और ब्राह्मण संसद के अध्यक्ष पंडित अमरनाथ मिश्रा लड़ रहे हैं। उन्होंने लखनऊ कमिश्नर रोशन जैकब से मुलाकात कर मामले की जानकारी दी, जिसके बाद इसे डीएम के पास भेजा गया है। मंदिर पक्ष ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो वे खुद पूजा-पाठ शुरू करेंगे।
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