हाल के दिनों में दिल्ली की Yamuna river में जहरीले झाग की मोटी परत एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। यह झाग विशेष रूप से दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के ओखला क्षेत्र में दिखाई दे रहा है, जहां यह दो बैराजों के बीच लगभग 3 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। सैटेलाइट इमेजरी में भी इस झाग को साफ़ देखा जा सकता है, और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में नदी के बड़े हिस्से को घने सफेद झाग से ढका हुआ दिखाया गया है, जो बादलों जैसा प्रतीत होता है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने इस प्रदूषण को लेकर चेतावनी दी है, खासकर त्योहारों के मौसम में, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
दिल्ली सरकार, आम आदमी पार्टी ने इस समस्या को पहचानते हुए इसे नियंत्रित करने के उपाय शुरू किए हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि झाग को हटाने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में डिफोमर्स (झाग नष्ट करने वाले रसायनों) का छिड़काव किया जा रहा है। सरकार ने यह भी कहा है कि अधिकारियों को स्थिति की निरंतर निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। ओखला और आगरा कैनाल बैराज पर इंजीनियरों को तैनात किया गया है, जो हर दो घंटे में Yamuna river के बहाव की तस्वीरें लेकर रिपोर्ट कर रहे हैं ताकि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा सके।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि Yamuna river के झाग में उच्च मात्रा में अमोनिया और फॉस्फेट जैसे रसायन होते हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जैसे श्वसन और त्वचा संबंधी विकार। ये झाग तब बनते हैं, जब सड़ते हुए पौधों और औद्योगिक अपशिष्टों से उत्पन्न प्रदूषक पानी में मिलते हैं। सामान्य परिस्थितियों में, मानसून के दौरान आने वाली बाढ़ इन प्रदूषकों को बहा ले जाती है, लेकिन इस साल बाढ़ की अनुपस्थिति ने प्रदूषण के इस स्तर को बढ़ा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप झाग की समस्या उत्पन्न हुई है।
साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल (SANDRP) के एसोसिएट कोऑर्डिनेटर भीम सिंह रावत ने इस असामान्य स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि Yamuna river में हर साल दो बार कम या मध्यम बाढ़ आती है, जो नदी को स्वाभाविक रूप से साफ़ करने में मदद करती है। इस वर्ष मानसून के दौरान बाढ़ न आने के कारण प्रदूषण की स्थिति बिगड़ गई है, जिससे नदी में झाग बन गया है। रावत ने यह भी कहा कि नदी में कुछ हद तक प्राकृतिक सफाई क्षमता है, लेकिन इस समय प्रदूषण का स्तर अत्यधिक चिंताजनक है।
दिल्ली सरकार Yamuna river को साफ करने के प्रयासों में लगी हुई है। पिछले साल, सरकार ने पांच सूत्रीय कार्ययोजना तैयार की थी, जिसके अंतर्गत मुख्य नालों को साफ़ कर Yamuna river में सिर्फ उपचारित पानी प्रवाहित करने की योजना बनाई गई थी। नजफगढ़, सप्लीमेंट्री और शाहदरा नालों में 10 स्थानों पर इन-सीटू ट्रीटमेंट जोन बनाए जाने का प्रस्ताव था, जिनमें फ्लोटिंग बूम, एयरेशन डिवाइस और फ्लोटिंग वेटलैंड जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाना था।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2025 तक Yamuna river को पूरी तरह से साफ करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए Yamuna river सफाई प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। इस प्रकोष्ठ का उद्देश्य नदी की सफाई के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना और समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
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