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दिल्ली की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा देने के बाद वरिष्ठ नेता और नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं। उन्होंने बीजेपी के दिल्ली हेडक्वार्टर में पार्टी की सदस्यता ली। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, दुष्यंत गौतम और हर्ष मल्होत्रा जैसे प्रमुख बीजेपी नेता मौजूद रहे।

बीजेपी में शामिल होने की घोषणा

कैलाश गहलोत ने कहा कि आम आदमी पार्टी(AAP) छोड़ने का फैसला उनके लिए आसान नहीं था। यह निर्णय उन्होंने एक रात में नहीं लिया। गहलोत ने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी दबाव में आकर यह कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा, “मेरे ऊपर जो भी ईडी या सीबीआई के दबाव का आरोप लगाया जा रहा है, वह पूरी तरह से निराधार है। मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी किसी के दबाव में काम नहीं किया है।”

AAP छोड़ने के कारण

गहलोत ने कहा कि उन्होंने 2015 में वकालत छोड़कर आम आदमी पार्टी से जुड़ने का निर्णय इसलिए लिया था क्योंकि पार्टी और अरविंद केजरीवाल में उन्हें उम्मीद नजर आई थी। लेकिन, समय के साथ पार्टी ने अपने मूल सिद्धांतों से समझौता किया। उन्होंने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा, “नया बंगला जैसे विवाद पार्टी की छवि को धूमिल कर रहे हैं। पार्टी अब आम आदमी के हितों के बजाय अपने राजनीतिक एजेंडे पर केंद्रित हो गई है।”

गहलोत ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र से लगातार टकराव में समय बर्बाद कर रही है, जिससे दिल्ली के लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने लिखा, “अब ऐसा लगता है कि दिल्ली की प्रगति के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।”

इस्तीफे के बाद गहलोत का बयान

गहलोत ने रविवार को न केवल आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया, बल्कि मंत्रिमंडल से भी अपना पद छोड़ दिया। वह गृह मंत्रालय, प्रशासनिक सुधार, आईटी और महिला एवं बाल विकास विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों के प्रभारी थे।

उन्होंने कहा, “मेरे पास AAP से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। मैंने अपनी राजनीतिक यात्रा दिल्ली के लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता के साथ शुरू की थी, और मैं इसे जारी रखना चाहता हूं।”

केजरीवाल का जवाब

AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गहलोत के इस्तीफे और बीजेपी में शामिल होने पर कहा, “यह उनकी मर्जी है, वह जहां जाना चाहें जा सकते हैं।” केजरीवाल ने गहलोत के आरोपों पर फिलहाल कोई विस्तृत टिप्पणी नहीं की।

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा घटनाक्रम

गहलोत का इस्तीफा और बीजेपी में शामिल होना ऐसे समय हुआ है जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव करीब हैं। चुनाव फरवरी 2025 में होने की संभावना है। इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।

कैलाश गहलोत का आम आदमी पार्टी से इस्तीफा और बीजेपी में शामिल होना न केवल राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है, बल्कि यह आगामी चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। गहलोत के इस कदम को दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

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