छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार Mukesh Chandrakar की हत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह साफ हो गया कि उनकी हत्या अत्यधिक क्रूरता के साथ की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उनके सिर पर 15 चोट के निशान पाए गए, गर्दन टूटी हुई थी, और उनके हार्ट के साथ लीवर को भी चार टुकड़ों में तोड़ दिया गया था। इसके अलावा, पांच पसलियां भी टूटी हुई मिलीं।
हत्या के पीछे ठेकेदार का भ्रष्टाचार उजागर
Mukesh Chandrakar ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के 120 करोड़ के सड़क निर्माण प्रोजेक्ट में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया था। माना जा रहा है कि यही उनकी हत्या का मुख्य कारण बना। 3 जनवरी को मुकेश का शव सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी पर स्थित एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। शव की पहचान उनके कपड़ों से की गई।
पुलिस जांच में पता चला कि एक जनवरी को Mukesh Chandrakar से आखिरी कॉल ठेकेदार के भाई रितेश ने की थी। उसी दिन से मुकेश लापता हो गए थे। पुलिस को शक तब हुआ जब टैंक के ऊपर प्लास्टर किया हुआ मिला। इसके बाद एसआईटी ने हैदराबाद से सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया।
हत्या की बर्बरता को देखकर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने कहा कि अपने 12 साल के करियर में उन्होंने इतनी क्रूरता से हत्या का मामला पहले कभी नहीं देखा। जांच में यह भी सामने आया कि इस हत्या में दो या उससे अधिक लोग शामिल थे।
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