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Dear India Tv/Hindi News : बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी तब तक रुकने को तैयार नहीं हैं, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। देश में विरोध प्रदर्शन और कर्फ्यू का बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ा है। व्यापारिक गतिविधियाँ ठप्प हो गई हैं, बाज़ार बंद हैं और कई क्षेत्रों में काम ठप्प हो गया है। इससे देश की पहले से कमज़ोर अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ गया है।

प्रदर्शनकारियों की माँगें:

प्रदर्शनकारी माँग कर रहे हैं कि सरकार 1971 में पाकिस्तान से आज़ादी की लड़ाई में लड़ने वाले लोगों के परिवारों के लिए 30% सरकारी नौकरियाँ आरक्षित करना बंद करे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश का “आंतरिक” मामला है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में रह रहे 8,500 छात्रों समेत 15,000 भारतीय सुरक्षित हैं। सरकार ने 125 छात्रों समेत 245 भारतीयों की वापसी की सुविधा प्रदान की है।

पुलिस अधिकारी ने एएफपी को बताया कि छात्र प्रदर्शनकारियों ने मध्य बांग्लादेशी जिले नरसिंगडी में एक जेल पर धावा बोल दिया और सैकड़ों कैदियों को रिहा कर दिया, उसके बाद जेल में आग लगा दी।

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि राज्य के 63 छात्र बांग्लादेश से सुरक्षित वापस आ गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग
के साथ संपर्क में है ,कोशिश है की वह से ज़्यदा से ज़्यदा छात्रों को निकाला जा सके।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि सरकार विरोधियों की आवाज दबाने के लिए बल प्रयोग कर रही है। वहीं, सरकार का कहना है कि वे देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है और सभी पक्षों से शांति और संवाद के लिए अपील की है।

source:Times Of India

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