ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक रेस्पिरेटरी वायरस है जो सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर श्वसन संक्रमण तक का कारण बन सकता है। इसे पहली बार 2001 में खोजा गया था, लेकिन सीरोलॉजिकल प्रमाण बताते हैं कि यह 1958 से ही मौजूद हो सकता है। यह वायरस खासतौर पर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को प्रभावित करता है।
वायरस कैसे फैलता है और लक्षण क्या हैं?
HMPV मुख्यतः खांसने, छींकने, दूषित सतहों को छूने और नजदीकी संपर्क से फैलता है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम से मिलते-जुलते हैं, जैसे:
- खांसी और बहती नाक
- बुखार
- गले में खराश
- सांस लेने में तकलीफ कुछ मामलों में यह ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले सकता है।
भारत में HMPV के मामले और स्थिति
हाल ही में कर्नाटक के बेंगलुरु में आठ महीने की बच्ची में HMPV का मामला सामने आया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि अभी देश में इस वायरस से जुड़ा कोई बड़ा खतरा नहीं है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह सर्दियों में सामान्य श्वसन संक्रमण की तरह ही फैलता है। फिलहाल, तेलंगाना और केरल ने इस पर निगरानी बढ़ा दी है और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
बचाव के उपाय
HMPV से बचाव के लिए किसी खास वैक्सीन या उपचार की उपलब्धता नहीं है। लेकिन संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए निम्नलिखित सावधानियां अपनाई जा सकती हैं:
- हाथ धोना: साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
- मास्क का उपयोग: भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
- साफ-सफाई बनाए रखें: दरवाजों के हैंडल और फोन जैसी बार-बार छूई जाने वाली सतहों को नियमित रूप से साफ करें।
- लक्षणों पर ध्यान दें: बुखार या खांसी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- भीड़ से बचें: श्वसन संक्रमण से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क से बचें।
HMPV एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है, जो कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है। हालांकि, भारत में अभी इसके मामले चिंता का विषय नहीं हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में ऐसे संक्रमणों का बढ़ना सामान्य है। सावधानी और व्यक्तिगत स्वच्छता अपनाकर इस वायरस से आसानी से बचा जा सकता है।