Binance : क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन अब केवल चर्चा का विषय नहीं रहे, बल्कि भारत इस क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। क्रिप्टो एडॉप्शन के मामले में भारत लगातार दो साल से नंबर-1 स्थान पर है। यही नहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) प्रोजेक्ट भी पायलट चरण में 50 लाख उपयोगकर्ताओं तक पहुंच चुका है।
क्रिप्टो बाजार की मौजूदा स्थिति
हाल के वर्षों में, क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज घटा, लेकिन अब Bitcoin जैसी करेंसी ने दोबारा ऊंचाई हासिल की है। वर्तमान में एक Bitcoin की कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये (1 लाख अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 के पहले क्वार्टर तक इसकी वैल्यू $120k तक जा सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप के क्रिप्टो समर्थक नीतियों और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों ने भी Bitcoin की कीमत को 40% तक बढ़ावा दिया है। उनके प्रशासन में क्रिप्टो पर रेगुलेशन को कम किए जाने और बेहतर नीतियों के आने की उम्मीद है।
Binance की भारत में वापसी
दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Binance ने हाल ही में भारत में फिर से अपनी सेवाएं शुरू की हैं। Binance के रीजनल मार्केट हेड विशाल सचिंद्रन ने बताया कि कंपनी ने भारतीय फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) और रेगुलेटर्स के साथ सक्रियता से काम किया। उन्होंने पारदर्शिता पर जोर दिया और सरकार को अपने ऑपरेशन्स के लाइव डेमो दिए।
Binance का मानना है कि भारत में क्रिप्टो के लिए एक बड़ा बाजार है। कंपनी यहां ब्लॉकचेन और क्रिप्टो पर फ्री ट्रेनिंग मुहैया कराती है ताकि इसे ग्रासरूट लेवल तक पहुंचाया जा सके।
CBDC का भविष्य
RBI ने 2022 में ई-रुपये के रूप में डिजिटल करेंसी लॉन्च की थी। हालांकि यह उतनी लोकप्रिय नहीं हुई, लेकिन इसके पायलट प्रोजेक्ट में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता जुड़े हैं। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि फुल स्केल लॉन्च से पहले सिस्टम और उपयोगकर्ताओं पर इसके प्रभाव को समझना जरूरी है।
क्रिप्टो निवेशकों के लिए सलाह
विशाल सचिंद्रन ने बताया कि निवेशकों को हाइप के पीछे नहीं भागना चाहिए। क्रिप्टो में निवेश करने से पहले इसके प्रोटोकॉल और फंडामेंटल को समझना जरूरी है। Binance अकादमी मुफ्त ट्रेनिंग देकर निवेशकों को क्रिप्टो और ब्लॉकचेन की जानकारी प्रदान करती है।
क्रिप्टो एक टेक्नोलॉजिकल शिफ्ट है और ब्लॉकचेन इनोवेशन में भारत की भूमिका अहम है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ब्लॉकचेन और क्रिप्टो के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व कर सकता है। धीरे-धीरे बढ़ते एडॉप्शन और सरकारी सहयोग से यह क्षेत्र और मजबूत होगा।
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