Digital Arrest : दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले 70 वर्षीय एक रिटायर्ड इंजीनियर की जिंदगी भर की कमाई साइबर ठगों ने एक पल में उड़ा दी। इस जालसाजी में ठगों ने बुजुर्ग को “Digital Arrest” के बहाने 10 करोड़ से अधिक की राशि अपने खातों में ट्रांसफर करवा ली। इस मामले में ठगों ने पीड़ित को लगभग आठ घंटे तक कैमरे के सामने बैठे रहने के लिए मजबूर किया और धमकियों से उसे डराकर उसकी संपूर्ण संपत्ति हथिया ली।
Digital Arrest : कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
रिटायर्ड इंजीनियर के पास एक अज्ञात कॉल आई, जिसमें ठगों ने दावा किया कि उनके नाम पर ताइवान से एक पार्सल आया है जिसमें प्रतिबंधित दवाइयां पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि इस कारण उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सुनते ही बुजुर्ग बेहद घबरा गए। इस भय का लाभ उठाते हुए ठगों ने उन्हें निर्देश दिया कि वे तुरंत अपने मोबाइल का कैमरा ऑन करके वीडियो कॉल में बने रहें। उन्होंने यह भी धमकी दी कि अगर वह उनके निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी केस में फंसा दिए जाएंगे।
Digital Arrest : फर्जी पुलिस अधिकारी ने दिया डर और भरोसा
इसके बाद स्क्रीन पर एक व्यक्ति खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताता हुआ सामने आया। उसने बुजुर्ग को आश्वासन देते हुए कहा कि वह उनकी मदद करने के लिए यहां है। इसके बाद उसने उनसे उनके बैंक खातों में जमा रकम की जानकारी मांगनी शुरू की। डर और भ्रमित अवस्था में बुजुर्ग ने सभी खाते की डिटेल्स साझा कर दी। ठगों ने बुजुर्ग से कहा कि वह अपने पैसे सुरक्षित रखने के लिए उनकी सलाह पर अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करें। ठगों की बातों में फंसकर बुजुर्ग ने अपनी जमा पूंजी, कुल 10 करोड़ 30 लाख रुपए, विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दी।
साइबर क्राइम की त्वरित कार्रवाई
बुजुर्ग को ठगी का एहसास तब हुआ जब वह एकाउंट से सभी पैसे गवां चुके थे। ठगी का एहसास होते ही वे पुलिस के पास पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत इस मामले को साइबर क्राइम टीम को सौंपा। साइबर टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अब तक करीब 60 लाख रुपये को फ्रीज करवा दिया है और बाकी राशि को ट्रेस करने की कोशिशें जारी हैं।
Digital Arrest का बढ़ता खतरा
यह घटना उन कई मामलों में से एक है जिसमें साइबर ठग अपने शिकार को “Digital Arrest” के नाम पर डराकर उनके बैंक खातों से राशि हड़प लेते हैं। हाल के दिनों में इस तरह के अपराध में तेजी आई है, जहां अपराधी फर्जी पुलिस अधिकारी या सरकारी कर्मचारी बनकर लोगों को डराते हैं और उनकी मेहनत की कमाई को हथिया लेते हैं।
Digital Arrest : सावधान रहें और सतर्क रहें
इस घटना से एक बात स्पष्ट है कि साइबर ठग किसी भी प्रकार की मानसिकता और मनोवैज्ञानिक दबाव का इस्तेमाल कर लोगों को ठग सकते हैं। ऐसे मामलों में खुद को बचाने के लिए लोगों को सतर्क रहना बेहद जरूरी है। किसी भी अज्ञात कॉल या संदेश से डरने के बजाय उसकी सत्यता को जांचें। सरकारी अधिकारी या बैंक कभी भी इस तरह की सूचना फोन पर साझा करने के लिए नहीं कहते हैं। ऐसी परिस्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें और साइबर सुरक्षा के नियमों का पालन करें।
यह घटना लोगों को सचेत करती है कि वे अपने बैंक विवरण या व्यक्तिगत जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति को न दें। साइबर ठगी का यह नया रूप, जिसे “डिजिटल अरेस्ट” कहा जाता है, लोगों की मेहनत की कमाई को पल भर में लूट सकता है। इसलिए, सावधानी और जागरूकता ही इस प्रकार के अपराधों से बचने का सबसे बड़ा उपाय है।
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