भारतीय व्यवसायी Ashneer Grover का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वे अर्न्स्ट एंड यंग (EY) के कार्यस्थल के माहौल को “बेजान” बताते हैं। साथ ही, उन्होंने उन “विषाक्त” ऑफिसों की तारीफ की जहां कठिन माहौल में काम होता है।
वीडियो में अशनीर बताते हैं कि जब वे EY के कार्यालय में गए, तो वहां के वातावरण से उन्हें इतनी असहजता महसूस हुई कि वे स्वास्थ्य खराब होने का बहाना बनाकर ऑफिस से बाहर निकल गए।
Ashneer Grover viral viedo….
Ashneer Grover ने एक वीडियो में कहा, “वहां बहुत सन्नाटा था। लोग इतने नीरस और थके हुए दिख रहे थे, जैसे बस उनका अंतिम संस्कार ही बाकी रह गया हो।”
यह वीडियो सोशल मीडिया पर हाल ही में वायरल हो रहा है, और इसकी पृष्ठभूमि में EY, पुणे में काम करने वाली 26 वर्षीय अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की दुखद मृत्यु का मामला जुड़ा है।
अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल, जो केरल की रहने वाली चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) थीं, कथित तौर पर काम से जुड़े तनाव के कारण अपनी जान गंवा बैठीं। उनकी माँ ने EY इंडिया के प्रमुख राजीव मेमानी को भेजे ईमेल में यह दावा किया है।
Ashneer Grover ने एक कार्यक्रम में कहा कि उनकी नजर में “विषाक्त” कार्यस्थल बेहतर होते हैं, क्योंकि वहाँ लोग खुलकर अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं और बहस कर सकते हैं। उनका मानना है कि जिन कार्यस्थलों को लोग विषाक्त कहते हैं, वे असल में सबसे अच्छे होते हैं, क्योंकि वहाँ बातचीत और संघर्ष के जरिए असली काम होता है। इसके विपरीत, कई ‘गैर-विषाक्त’ जगहें होती हैं, जहाँ इतना सक्रिय माहौल नहीं होता, लेकिन असली काम विषाक्त माहौल में ही होता है।
हालांकि, उनकी ये टिप्पणियाँ खासतौर पर EY के कार्यालयों के मौन और “उबाऊ” माहौल की ओर इशारा करती थीं, लेकिन कई लोगों ने इस पर सवाल उठाया कि क्या विषाक्त कार्य संस्कृति को बढ़ावा देना सही है।
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