Haryana में घनी धुंध और कोहरे के कारण गुरुवार को हिसार और रोहतक जिलों में दो बड़े सड़क हादसे हुए, जिनमें कई वाहन आपस में टकरा गए। इन दुर्घटनाओं में कुल 20 से अधिक लोग घायल हुए, हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी की जान नहीं गई।
हिसार में बस और ट्रक की टक्कर
पहला हादसा हिसार जिले के हांसी-जींद रोड पर माजरा प्याऊ के पास हुआ, जहां एक Haryana रोडवेज की बस और ट्रक आपस में भिड़ गए। बताया जा रहा है कि इस बस का मार्ग पेटवाड़ से हिसार की ओर था। घनी धुंध के कारण सड़क पर विजिबिलिटी बहुत कम थी, जिसके चलते दोनों वाहनों के बीच जोरदार टक्कर हो गई। इस दुर्घटना में करीब 20 लोग घायल हुए। सभी घायलों को तुरंत उपचार के लिए नारनौंद के नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जबकि चार गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को हिसार रेफर किया गया है।
रोहतक में आठ वाहनों की भिड़ंत
दूसरी दुर्घटना रोहतक जिले में एनएच-9 पर खरकड़ा गांव के पास हुई, जहां धुंध के चलते आठ वाहन आपस में टकरा गए। इस हादसे में एक बस, ट्रक, कार और एक कैंटर ने एक-दूसरे को पीछे से टक्कर मार दी। कोहरे की वजह से सड़क पर विजिबिलिटी काफी कम थी, जिससे ड्राइवरों को गाड़ियां नियंत्रित करने में मुश्किल आई और एक के बाद एक वाहन टकरा गए। इस हादसे में किसी को गंभीर चोट नहीं आई, हालांकि वाहनों को काफी नुकसान हुआ।
कोहरे का कहर और यातायात पर असर
धुंध और कोहरे के कारण Haryana के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से सड़क हादसों का खतरा बढ़ गया है। रोहतक में लगातार दूसरे दिन कोहरे की चादर फैली रही, जिससे सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है। कोहरे की वजह से सड़क पर विजिबिलिटी न के बराबर हो जाती है, जिसके चलते ड्राइवरों को काफी दिक्कत होती है और हादसे का खतरा बढ़ जाता है। प्रदेश में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही मौसम में अचानक बदलाव हुआ है और तापमान में गिरावट आई है, जिससे सर्दी और कोहरा बढ़ गया है।
सुरक्षा के उपाय और सावधानी की जरूरत
Haryana में धुंध और कोहरे के कारण सड़कों पर लगातार हादसे हो रहे हैं, ऐसे में ड्राइवरों को खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि कोहरे के मौसम में वाहन धीमी गति से चलाएं, अपने वाहनों की हेडलाइट्स और फॉग लाइट्स का प्रयोग करें और आवश्यक दूरी बनाए रखें।
कोहरे के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, प्रशासन और पुलिस विभाग को चाहिए कि वे इस मौसम में सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करें और प्रमुख सड़कों पर साइनबोर्ड्स और संकेतक लगाए। साथ ही, वाहनों की स्पीड पर नियंत्रण रखने के लिए भी उपाय किए जा सकते हैं ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
यह भी पढ़े : इंदौर में Mohammed Shami का शानदार प्रदर्शन, 7,415 किलोमीटर दूर टीम इंडिया को मिली सुकून