झारखंड विधानसभा के डुमरी सीट से विधायक और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के नेता Jairam Mahato ने अपने पहले विधानसभा सत्र में एक अलग और प्रभावशाली अंदाज पेश किया। जयराम का सदन में प्रवेश और शपथ ग्रहण का तरीका सबका ध्यान खींचने वाला था।
विधानसभा में दाखिल होने से पहले, Jairam Mahato ने सदन की चौखट पर सिर झुका कर प्रणाम किया और घुटनों के बल बैठकर श्रद्धा प्रकट की। उनका मानना है कि लोकतंत्र का यह मंदिर किसी धार्मिक स्थल से कम नहीं है। जयराम ने कहा, “जब हम किसी धार्मिक स्थान पर जाते हैं, तो जूताचप्पल उतार कर पूरी आस्था के साथ प्रवेश करते हैं। लोकतंत्र का यह मंदिर भी ऐसी ही आस्था का प्रतीक है, जहां से करोड़ों लोगों की उम्मीदें जुड़ी हैं।”
सदन के अंदर शपथ लेते समय Jairam Mahato का अंदाज भी खास रहा। उन्होंने पारंपरिक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, “मैं Jairam Mahato किरिया खाता हूं।” ‘किरिया’ एक क्षेत्रीय शब्द है, जिसका अर्थ प्रतिज्ञा करना या शपथ लेना होता है। इसने न केवल उनकी क्षेत्रीय पहचान को मजबूत किया, बल्कि जनता के साथ उनके गहरे जुड़ाव को भी दर्शाया।
Jairam Mahato : जनता के मुद्दों के योद्धा
Jairam Mahato झारखंड के धनबाद जिले के मंतंद गांव के निवासी हैं। पिछले चार सालों से वे स्थानीय भाषा, रोजगार और क्षेत्रीयता के मुद्दों को लेकर सक्रिय रूप से आंदोलन कर रहे हैं। 2023 में उन्होंने झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के नाम से एक पार्टी बनाई, जो अब झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के नाम से जानी जाती है।
उनका सफर हमेशा से जनता के मुद्दों पर केंद्रित रहा है। उनका मानना है कि झारखंड के लोगों के हितों और उनकी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
जनता से गहरा जुड़ाव
सत्र के पहले दिन जयराम महतो ने सफेद जैकेट और शर्टपैंट पहनकर सादगी का संदेश दिया। हाथ में लाल डायरी लिए उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया कि वे जनता के मुद्दों को सदन तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनका मानना है कि लोकतंत्र का यह मंदिर हर झारखंडी की उम्मीदों और सपनों का प्रतीक है।
Jairam Mahato के इस अनोखे अंदाज ने न केवल सदन के अन्य विधायकों, बल्कि पूरे राज्य की जनता का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उनका यह अंदाज लोकतंत्र और जनता के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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