Manish Sisodia

दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री Manish Sisodia को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के केस में हर हफ्ते थाने जाकर हाजिरी देनी पड़ रही है। यह शर्त उनकी जमानत के साथ जोड़ी गई थी। अब उन्होंने इस शर्त में संशोधन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार, 9 दिसंबर को सुनवाई करेगा।

गौरतलब है कि अगस्त 2024 में Manish Sisodia को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। हालांकि, जमानत देते समय अदालत ने कुछ कड़ी शर्तें लगाई थीं, जिनमें से एक प्रमुख शर्त यह थी कि उन्हें हर हफ्ते थाने में हाजिरी देनी होगी।

क्या है मामला?

Manish Sisodia पर आरोप है कि उन्होंने शराब नीति में कथित गड़बड़ी की। सीबीआई और ईडी इस मामले की जांच कर रही हैं। सिसोदिया को इस साल फरवरी में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें अपनी हिरासत में लिया।

ईडी का दावा है कि सिसोदिया ने नई शराब नीति लागू करते समय शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया और इसके बदले में भारी रिश्वत ली। वहीं, सिसोदिया ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में Manish Sisodia ने हर हफ्ते थाने में हाजिरी की शर्त को संशोधित करने की मांग की है। उनका तर्क है कि यह शर्त उनके निजी और राजनीतिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। उन्होंने अदालत से इसे खत्म करने या कम से कम इस शर्त में ढील देने की गुजारिश की है।

SC की सुनवाई महत्वपूर्ण

अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। अदालत यह तय करेगी कि सिसोदिया की जमानत शर्तों में संशोधन किया जाए या नहीं।

इस केस को लेकर आम आदमी पार्टी और विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक तकरार भी जारी है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि सिसोदिया को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है, जबकि भाजपा इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला न केवल सिसोदिया बल्कि इस मामले में चल रही राजनीति पर भी असर डालेगा।

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