सोमवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री Atishi ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री से यह उनकी पहली मुलाकात थी। Atishi ने 21 सितंबर 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और इसके साथ ही वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गईं। इस मुलाकात की तस्वीरें प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कीं।
Atishi दिल्ली की सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री ….
अतिशी दिल्ली की सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले दिल्ली में दो महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं: शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज। अतिशी को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शपथ दिलाई। उन्होंने आठवीं मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली की कमान संभाली। हालांकि, अतिशी का कार्यकाल छोटा होगा क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने हैं।
दिल्ली की नई मंत्रिपरिषद में सबसे पहले सौरभ भारद्वाज ने शपथ ली, उसके बाद गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और नए सदस्य मुकेश अहलावत ने शपथ ली। अतिशी ने अपने मंत्रिमंडल में अनुभवी और युवा नेताओं का अच्छा संतुलन बनाए रखा है।
अतिशी के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता तब खुला जब दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 15 सितंबर 2024 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने आप मुख्यालय में बैठक के दौरान अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि जब तक जनता उन्हें ईमानदार साबित नहीं कर देती, तब तक वह मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहेंगे। इस घोषणा के बाद पार्टी विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से Atishiको मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया।
दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव
अतिशी की नियुक्ति को दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह उनकी राजनीतिक सूझबूझ की सराहना हो रही है। Atishi दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जानी जाती हैं और अपनी नीतियों की वजह से उन्हें दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक मजबूत नेता के तौर पर देखा जाता है।
Atishi की दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्ति ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियों में ला दिया है। Atishiदिल्ली के विकास को किस दिशा में ले जाती हैं और आगामी चुनावों में उनका प्रदर्शन कैसा रहेगा, इस पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
Atishi की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट के तौर पर देखा जा रहा है। इस मुलाकात से केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच सहयोग की नई संभावनाएं भी खुलने की उम्मीद है, खासकर ऐसे समय में जब दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो रही हैं।
Atishi के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली की राजनीति में महिला नेतृत्व की नई पहचान बनी है। उनके अनुभव, उनकी दूरदर्शिता और उनकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि Atishi दिल्ली की जनता का भरोसा जीतने में सफल हो सकती हैं। हालांकि, अपने छोटे कार्यकाल के कारण उन्हें अपने फैसलों को तेजी से और प्रभावी ढंग से लागू करना होगा, ताकि आगामी चुनावों में उन्हें और उनकी पार्टी को इसका फायदा मिल सके।
Atishi की यह मुलाकात दिल्ली की राजनीति के लिए ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी अहम मानी जा रही है।
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