Varanasi : वाराणसी के प्रसिद्ध उदय प्रताप कॉलेज की प्रॉपर्टी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। यूपी सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा कॉलेज परिसर में स्थित मजार पर दावा किया गया था, लेकिन अब बोर्ड ने अपना दावा वापस ले लिया है। वक्फ बोर्ड ने एक पत्र के माध्यम से जानकारी दी कि उनका दावा 18 जनवरी 2021 को ही निस्तारित कर दिया गया था।
इस घटनाक्रम के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल ने छात्रों और स्टाफ से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि मजार को कॉलेज परिसर से हटाने का मुद्दा प्रबंधन समिति के सामने उठाया जाएगा, क्योंकि इसे अवैध अतिक्रमण माना जा रहा है। उन्होंने सीमित संख्या में नमाजियों के आने की बात भी कही ताकि माहौल तनावपूर्ण न हो।
Varanasi : छात्रों का विरोध और हनुमान चालीसा पाठ
इस विवाद ने तब जोर पकड़ा जब बीते दिन वक्फ बोर्ड के दावे से नाराज छात्रों ने मजार पर हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश की। इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई, और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस ने नौ छात्रों को हिरासत में लिया, और स्थिति पर काबू पाने के लिए कॉलेज परिसर में फोर्स तैनात कर दी गई।
छात्रों का कहना था कि वक्फ बोर्ड का गठन 1954 में हुआ था, जबकि उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना 1909 में हुई थी। ऐसे में कॉलेज की जमीन पर वक्फ का दावा कैसे हो सकता है?
Varanasi : प्रशासन और वक्फ बोर्ड का बयान
वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट किया कि 2021 में उनके दावे को निरस्त कर दिया गया था और अब इस जमीन पर उनका कोई अधिकार नहीं है। वहीं, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि कॉलेज की किसी भी कागज या रजिस्टर में मस्जिद का उल्लेख नहीं है। हालांकि, हाल ही में नमाज पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में लोग आने लगे थे, जिससे विवाद बढ़ा।
कॉलेज प्रबंधन और पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कॉलेज का निरीक्षण करते हुए कहा कि सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि छात्रों की पढ़ाई और परीक्षा में किसी प्रकार का व्यवधान न हो।
Varanasi : शांति की अपील
विवाद को लेकर दोनों पक्षों ने शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। कॉलेज प्रिंसिपल ने कहा कि मजार से संबंधित सभी मुद्दे प्रबंधन समिति द्वारा हल किए जाएंगे। वहीं, ज्ञानवापी की देखरेख करने वाले एसएम यासीन ने अफवाहों से बचने और शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने का आग्रह किया।
यह मामला सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और कानूनी प्रक्रिया के महत्व को रेखांकित करता है। प्रशासन की कड़ी निगरानी के चलते स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।
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