Delhi में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर तक पहुंचने के कारण आम आदमी पार्टी सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। इनमें 50 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू करना और दफ्तरों की समय-सारिणी में बदलाव शामिल हैं। राजधानी में जहरीली हवा और बढ़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के चलते यह कदम उठाए गए हैं।
Delhi : वर्क फ्रॉम होम का आदेश
Delhi सरकार ने प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए अपने सभी सरकारी विभागों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का निर्देश दिया है। Delhi के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा, “प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने यह अहम फैसला लिया है। इसे सुचारू रूप से लागू करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई है।”
नई समय-सारिणी
Delhi के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी सरकारी कार्यालयों के लिए नई समय-सारिणी जारी की है, जिससे कर्मचारियों की आवाजाही को कम किया जा सके। दिल्ली नगर निगम (MCD) के दफ्तर सुबह 8:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलेंगे, जबकि दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक काम करेंगे। यह व्यवस्था 28 फरवरी, 2025 तक प्रभावी रहेगी।
GRAP-4 का क्रियान्वयन
प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने Delhi-NCR में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू कर दिया है। इसके तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, निर्माण कार्यों को स्थगित करना, और अन्य प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू किए गए हैं।
AQI का खतरनाक स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, Delhi के पंजाबी बाग, रोहिणी, आनंद विहार, और अन्य कई इलाकों में AQI का स्तर 500 तक पहुंच गया है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्तर स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक है।
शिक्षा पर असर
प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए Delhi यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) ने अपनी कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित करने का फैसला लिया है। साथ ही, Delhi-NCR के स्कूलों में भी ऑफलाइन क्लासेस बंद कर दी गई हैं।
सरकार के प्रयास
Delhi सरकार की तरफ से प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई अन्य प्रयास भी किए जा रहे हैं। इनमें सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, वाहनों की संख्या कम करने के लिए ऑड-ईवन नियम पर विचार, और सड़कों पर पानी का छिड़काव शामिल हैं। गोपाल राय ने जनता से अपील की है कि वे निजी वाहनों के उपयोग को कम करें और सरकार के साथ सहयोग करें।
भविष्य की चुनौतियां
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता है। जब तक स्थायी समाधान नहीं निकाला जाता, तब तक वर्क फ्रॉम होम जैसे अस्थायी कदम ही प्रदूषण के प्रभाव को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
Delhi की हवा दिन-ब-दिन जहरीली होती जा रही है, और सरकार की इन पहलों का असर कितना होगा, यह आने वाले समय में ही पता चलेगा।
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